गीता अध्याय ll 18 ll
श्लोक ll 44 ll
स्वकर्मनिरतः सिद्धिं यथा विन्दति तच्छृणु॥
हिंदी अनुवाद
अपने-अपने स्वाभाविक कर्मों में तत्परता से लगा हुआ मनुष्य भगवत्प्राप्ति रूप परमसिद्धि को प्राप्त हो जाता है। अपने स्वाभाविक कर्म में लगा हुआ मनुष्य जिस प्रकार से कर्म करके परमसिद्धि को प्राप्त होता है, उस विधि को तू सुन ॥
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