गीता प्रथम अध्याय
श्लोक ll 36 ll
अपि चेदसि पापेभ्यः सर्वेभ्यः पापकृत्तमःl
सर्वं ज्ञानप्लवेनैव वृजिनं सन्तरिष्यसि ll
हिंदी अनुवाद
यदि तू अन्य सब पापियों से भी अधिक पाप करने वाला है, तो भी तू ज्ञान रूप नौका द्वारा निःसंदेह सम्पूर्ण पाप-समुद्र से भलीभाँति तर जाएगा ll
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