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गीता प्रथम अध्याय, श्लोक ll 31 ll

गीता प्रथम अध्याय 

श्लोक ll 31 ll
निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव।
 न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमाहवे॥


हिंदी अनुवाद 
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 केशव! मैं लक्षणों को भी विपरीत ही देख रहा हूँ तथा युद्ध में स्वजन-समुदाय को मारकर कल्याण भी नहीं देखता ll
 

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