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गीता प्रथम अनुवाद, श्लोक ll 24 -25 ll

गीता प्रथम अध्याय 

श्लोक ll 24-25 ll

संजय उवाचः
 एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत।
 सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्‌॥
 भीष्मद्रोणप्रमुखतः सर्वेषां च महीक्षिताम्‌।
 उवाच पार्थ पश्यैतान्‌ समवेतान्‌ कुरूनिति॥

हिंदी अनुवाद 
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संजय बोले- हे धृतराष्ट्र! अर्जुन द्वारा कहे अनुसार महाराज श्रीकृष्णचंद्र ने दोनों सेनाओं के बीच में भीष्म और द्रोणाचार्य के सामने तथा सम्पूर्ण राजाओं के सामने उत्तम रथ को खड़ा कर इस प्रकार कहा कि हे पार्थ! युद्ध के लिए जुटे हुए इन कौरवों को देख ll 


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