गीता अध्याय ll 18 ll
श्लोक ll 70 ll
ज्ञानयज्ञेन तेनाहमिष्टः स्यामिति मे मतिः॥
हिंदी अनुवाद
जो पुरुष इस धर्ममय हम दोनों के संवाद रूप गीताशास्त्र को पढ़ेगा, उसके द्वारा भी मैं ज्ञानयज्ञ (गीता अध्याय 4 श्लोक 33 का अर्थ देखना चाहिए।) से पूजित होऊँगा- ऐसा मेरा मत है ॥
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