गीता अध्याय ll 18 ll
श्लोक ll 61 ll
भ्रामयन्सर्वभूतानि यन्त्रारुढानि मायया॥
हिंदी अनुवाद
हे अर्जुन! शरीर रूप यंत्र में आरूढ़ हुए संपूर्ण प्राणियों को अन्तर्यामी परमेश्वर अपनी माया से उनके कर्मों के अनुसार भ्रमण कराता हुआ सब प्राणियों के हृदय में स्थित है ll
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