गीता अध्याय ll 17 ll
श्लोक ll 7 ll
यज्ञस्तपस्तथा दानं तेषां भेदमिमं श्रृणु॥
हिंदी अनुवाद
भोजन भी सबको अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार तीन प्रकार का प्रिय होता है। और वैसे ही यज्ञ, तप और दान भी तीन-तीन प्रकार के होते हैं। उनके इस पृथक्-पृथक् भेद को तू मुझ से सुन ||
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