गीता अध्याय ll 17 ll
श्लोक ll 9 ll
आहारा राजसस्येष्टा दुःखशोकामयप्रदाः॥
हिंदी अनुवाद
कड़वे, खट्टे, लवणयुक्त, बहुत गरम, तीखे, रूखे, दाहकारक और दुःख, चिन्ता तथा रोगों को उत्पन्न करने वाले आहार अर्थात् भोजन करने के पदार्थ राजस पुरुष को प्रिय होते हैं ॥
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