गीता अध्याय ll17 ll
श्लोक ll 6 ll
मां चैवान्तःशरीरस्थं तान्विद्ध्यासुरनिश्चयान्॥
हिंदी अनुवाद
जो शरीर रूप से स्थित भूत समुदाय को और अन्तःकरण में स्थित मुझ परमात्मा को भी कृश करने वाले हैं (शास्त्र से विरुद्ध उपवासादि घोर आचरणों द्वारा शरीर को सुखाना एवं भगवान् के अंशस्वरूप जीवात्मा को क्लेश देना, भूत समुदाय को और अन्तर्यामी परमात्मा को ''कृश करना'' है।), उन अज्ञानियों को तू आसुर स्वभाव वाले जान ॥
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