गीता अध्याय ll 16 ll
श्लोक ll 8 ll
अपरस्परसम्भूतं किमन्यत्कामहैतुकम्॥
हिंदी अनुवाद
वे आसुरी प्रकृति वाले मनुष्य कहा करते हैं कि जगत् आश्रयरहित, सर्वथा असत्य और बिना ईश्वर के, अपने-आप केवल स्त्री-पुरुष के संयोग से उत्पन्न है, अतएव केवल काम ही इसका कारण है। इसके सिवा और क्या है?
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