गीता त्रयोदश अध्याय
श्लोक ll9 ll
नित्यं च समचित्तत्वमिष्टानिष्टोपपत्तिषु॥
हिंदी अनुवाद
पुत्र, स्त्री, घर और धन आदि में आसक्ति का अभाव, ममता का न होना तथा प्रिय और अप्रिय की प्राप्ति में सदा ही चित्त का सम रहना ॥
पुत्र, स्त्री, घर और धन आदि में आसक्ति का अभाव, ममता का न होना तथा प्रिय और अप्रिय की प्राप्ति में सदा ही चित्त का सम रहना ॥
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