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गीता त्रयोदश अध्याय, श्लोक ll 19 ll

गीता त्रयोदश अध्याय 

श्लोक ll 19 ll

(ज्ञानसहित प्रकृति-पुरुष का विषय)
प्रकृतिं पुरुषं चैव विद्ध्‌यनादी उभावपि।
विकारांश्च गुणांश्चैव विद्धि प्रकृतिसम्भवान्‌॥

हिन्दी अनुवाद 

प्रकृ ति और पुरुष- इन दोनों को ही तू अनादि जान और राग-द्वेषादि विकारों को तथा त्रिगुणात्मक सम्पूर्ण पदार्थों को भी प्रकृति से ही उत्पन्न जान॥

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