गीता अध्याय ll 14 ll
श्लोक ll 6 ll
सुखसङ्गेन बध्नाति ज्ञानसङ्गेन चानघ॥
हिंदी अनुवाद
हे निष्पाप! उन तीनों गुणों में सत्त्वगुण तो निर्मल होने के कारण प्रकाश करने वाला और विकार रहित है, वह सुख के सम्बन्ध से और ज्ञान के सम्बन्ध से अर्थात उसके अभिमान से बाँधता है॥
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