गीता द्वादश अध्याय
श्लोक ll 11 ll
सर्वकर्मफलत्यागं ततः कुरु यतात्मवान्॥
हिन्दी अनुवाद
यदि मेरी प्राप्ति रूप योग के आश्रित होकर उपर्युक्त साधन को करने में भी तू असमर्थ है, तो मन-बुद्धि आदि पर विजय प्राप्त करने वाला होकर सब कर्मों के फल का त्याग (गीता अध्याय 9 श्लोक 27 में विस्तार देखना चाहिए) कर ॥
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