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गीता एकादश अध्याय श्लोक 15

गीता का 10 अध्याय

 श्लोक 15


अर्जुन द्वारा भगवान के विश्वरूप का देखा जाना और उनकी स्तुति करना ) 
अर्जुन उवाच
पश्यामि देवांस्तव देव देहे सर्वांस्तथा भूतविशेषसङ्‍घान्‌।
ब्रह्माणमीशं कमलासनस्थमृषींश्च सर्वानुरगांश्च दिव्यान्‌॥

 हदी अनुवाद

अर्जुन बोले- हे देव! मैं आपके शरीर में सम्पूर्ण देवों को तथा अनेक भूतों के समुदायों को, कमल के आसन पर विराजित ब्रह्मा को, महादेव को और सम्पूर्ण ऋषियों को तथा दिव्य सर्पों को देखता हूँ
॥15॥

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