गीता का 10 अध्याय
श्लोक ||4||
योगेश्वर ततो मे त्वं दर्शयात्मानमव्ययम्॥
हदी अनुवाद
हे प्रभो! (उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय तथा अन्तर्यामी रूप से शासन करने वाला होने से भगवान का नाम 'प्रभु' है) यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे योगेश्वर! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन कराइए ॥
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