गीता दशम अध्याय,
श्लोक ll 29ll
पितॄणामर्यमा चास्मि यमः संयमतामहम्॥
हिंदी अनुवाद
मैं नागों में (नाग और सर्प ये दो प्रकार की सर्पों की ही जाति है।) शेषनाग और जलचरों का अधिपति वरुण देवता हूँ और पितरों में अर्यमा नामक पितर तथा शासन करने वालों में यमराज मैं हूँ ॥
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