गीता षस्टम अध्याय
श्लोक ll 11 ll
( विस्तार से ध्यान योग का विषय )
शुचौ देशे प्रतिष्ठाप्य स्थिरमासनमात्मनः।
नात्युच्छ्रितं नातिनीचं चैलाजिनकुशोत्तरम्॥
हिंदी अनुवाद
शुद्ध भूमि में, जिसके ऊपर क्रमशः कुशा, मृगछाला और वस्त्र बिछे हैं, जो न बहुत ऊँचा है और न बहुत नीचा, ऐसे अपने आसन को स्थिर स्थापन करके ॥
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें